Ghananand Ghanna Death ; नमस्कार दोस्तों , आपको जानकार हेरानी होगी की उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद घन्ना अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने श्री महंत इंद्रेश अस्पताल, देहरादून में आज सुबह अंतिम सांस ली। बीते कुछ दिनों से वे गंभीर रूप से बीमार थे और वेंटिलेटर पर जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई।
हास्य से भरपूर जीवन, लेकिन अंत दुखद
घनानंद घन्ना जी ने अपने संपूर्ण जीवन में अपनी अद्भुत कला से लोगों को हंसाया, लेकिन उनका जाना हर किसी की आँखें नम कर गया। सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार अपडेट्स आ रहे थे, और उनके प्रशंसक उनकी सलामती के लिए प्रार्थनाएँ कर रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है की उत्तराखंड के मशहूर कलाकार घनानंद घन्ना जी का निधन हो गया है |

श्री महंत इंद्रेश अस्पताल के पीआरओ भूपेन्द्र रतूड़ी ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि आज सुबह हृदय गति रुकने (Cardiac Arrest/ Heart Atteck ) से उनका देहांत हो गया। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की और सीपीआर भी दिया, लेकिन वे जीवन की जंग हार गए।
दो महीने से अस्पताल में थे भर्ती बीमारी के कारण
पिछले कुछ महीनों से घन्ना जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था। यूरिन में ब्लड आने की शिकायत के चलते उनका प्रोस्टेट ऑपरेशन किया गया था, लेकिन उसके बाद से उनकी हालत बिगड़ती चली गई। चार दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था, और डॉक्टर उनकी हालत में सुधार लाने की पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनका शरीर अब साथ नहीं दे रहा था।
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उत्तराखंड के सिनेमा और कला जगत में छोड़ी अपनी छवि
घनानंद घन्ना सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि उत्तराखंड की कला और संस्कृति की पहचान थे। 1953 में गढ़वाल मंडल में जन्मे घन्ना भाई ने 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने उत्तराखंड की कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, जिनमें शामिल हैं:-
- घरजवैं
- चक्रचाल
- बेटी-ब्वारी
- जीतू बगडवाल
- घन्ना भाई एमबीबीएस
- घन्ना गिरगिट
- सतमंगल्या
- ब्वारी हो त यनि
- यमराज
1974 में इन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर भी कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उनकी शानदार कॉमिक टाइमिंग और उत्तराखंडी लोकसंस्कृति को मंच पर जीवंत करने की कला ने उन्हें जन-जन तक पहुँचाया।
राजनीति में भी आजमाई थी किस्मत
कलाकार होने के साथ-साथ घन्ना भाई समाजसेवा और राजनीति में भी सक्रिय रहे। उन्होंने 2012 में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ा, हालांकि जीत नहीं पाए। लेकिन इसके बाद वे भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में कई वर्षों तक पार्टी से जुड़े रहे।
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Ghananand Ghanna comedian death , प्रशंसकों ने दी श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर सुनते ही उत्तराखंड के सांस्कृतिक जगत, राजनीति और सिनेमा प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसक उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
“जो जीवनभर हमें हंसाते रहे, वो आज हमें रुलाकर चले गए।”
“उत्तराखंड ने आज अपना सबसे अनमोल हास्य कलाकार खो दिया।”
निष्कर्ष
बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है की उत्तराखंड के मशहूर कॉमेडीन घनानंद घन्ना का 11 Feb. 2025 को श्री महंत इंद्रेश अस्पताल, देहरादून में अंतिम सांस ली | आघनानंद घन्ना का जाना उत्तराखंड के कला और सिनेमा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता, लेकिन उनकी यादें, उनके किरदार और उनका योगदान सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।
भगवान से यही दुआ करते है की ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे।” ओम शांति “
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