JEE Mains Results 2025 हल्द्वानी: नमस्कार दोस्तों , बुधवार12 फरवरी को JEE Main Result 2025 का एलान हुआ, जिसमें हल्द्वानी के विवेक पांडे ने सभी को अपनी मेहनत और लगन से प्रभावित कर दिया है। इस बार हल्द्वानी के छात्र विवेक ने न केवल राज्य स्तर पर टॉप की उपाधि जीती, बल्कि देशभर में 25वीं रैंक भी हासिल की है,जो की एक बहुत बड़ी बात है | इनकी इस उपलब्धि ने न सिर्फ इनके परिवार का, बल्कि इनके जनपद का भी मान बढ़ा दिया है।
The story behind JEE Mains performanc
विवेक पांडे ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) के जनवरी सत्र में 99.993 पर्सेंटाइल प्राप्त करके अपनी काबिलियत का शानदार परिचय दिया। विशेष रूप से गणित और भौतिकी में 100-100 अंक मिलना उनके कठिन परिश्रम और समर्पण की सच्ची मिसाल है।

अपनी तैयारी के लिए विवेक ने संकल्प ट्यूटोरियल से कोचिंग ली और अध्ययन के दौरान मोबाइल फोन से दूरी बना कर नियमित अध्ययन को प्राथमिकता दी। इस अनुशासित रवैये ने उन्हें इस उपलब्धि तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Background of Vivek Pandey
विवेक पांडे हल्द्वानी के छोटी मुखानी क्षेत्र के रहने वाले हैं और वर्तमान में जिम कॉर्बेट स्कूल में कक्षा 12 में पढ़ाई कर रहे हैं। उनके परिवार की पृष्ठभूमि भी प्रेरणादायक है—
- पिता: प्रेम प्रकाश पांडे, जो सेंचुरी मिल में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।
- मां: बीना पांडे, जो एक कार शोरूम में कार्यरत हैं।
उनकी इस सफलता पर परिवार, विद्यालय और शिक्षकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। विवेक की मेहनत और अनुशासन ने न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में योगदान दिया है, बल्कि उनके क्षेत्र का मान भी बढ़ाया है।
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विवेक पांडे को भविष्य की शुभकामनाये
विवेक पांडे की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और सही दिशा में कोचिंग लेने से बड़े से बड़े लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं। उनकी कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने सपनों को सच करने के लिए प्रयासरत हैं।
इस प्रकार, हल्द्वानी के इस होनहार छात्र ने यह साबित कर दिया है कि समर्पण और निरंतर अभ्यास से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी विवेक पांडे और ऐसे ही कई युवा भारतीय अपनी प्रतिभा के बल पर नई ऊंचाइयों को छूएंगे।
निष्कर्ष :
विवेक पांडे की इस मेहनत से हमको सीखने को मिलता है की मेहनत वही सचे दिल से करता है जो अपने परिवार के हालातों को ध्यान मे रखकर मेहनत करता है क्योंकि उसे मालूम है की मेहनत करनी क्यों है ? अगर आपका “क्यों” किलयर है तो कितनी भी प्रॉबलम क्यों ना हो मेहनत करना नहीं छोड़ सकते | जो की आज उत्तराखंड के विवेक पांडे ने साबित करके दिखाया है |
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