Pari Tal Uttarakhand: नमस्कार दोस्तों , जेसे की आपको मालूम होगा की उत्तराखंड की हसीन वादियां अपने आकर्षक सौंदर्य और रहस्यमयी कहानियों के लिए जानी जाती हैं। उत्तराखंड देवभूमि सिर्फ अपनी धार्मिक आस्था और चारधाम यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि उन अनछुए और अनदेखे स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है, जो आज भी रहस्य से घिरे हुए हैं। जी हाँ ‘ हम बात कर रहे है परी ताल के बारे में |
नैनीताल जिले में स्थित परी ताल (Pari Tal) एक ऐसा ही स्थान है, जहां के बारे में मान्यता है कि पूर्णिमा की रात परियां यहां नहाने आती हैं। यही कारण है कि यह झील न सिर्फ अपनी अद्भुत सुंदरता बल्कि रहस्यमयी और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए भी जानी जाती है।
अगर आप प्रकृति प्रेमी, एडवेंचर लवर या रहस्य खोजने के शौकीन हैं, तो परी ताल आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको परी ताल तक पहुंचने के रास्ते, उसकी रहस्यमयी मान्यताओं, ट्रैकिंग गाइड और इस जगह की अद्भुत विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
Pari Tal Location in Uttarakhand / परी ताल कहां स्थित है?

परी ताल उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह जगह नैनीताल शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर चाफी गांव के पास स्थित है। चाफी से परी ताल तक पहुंचने के लिए लगभग 3 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यह ट्रैकिंग रोमांचक होने के साथ ही थोड़ा कठिन भी है, लेकिन इसके बाद जो दृश्य आपके सामने खुलते हैं, वे इस सफर को पूरी तरह से सार्थक बना देते हैं।
How to Reach Pari Tal, Nainital / परी ताल तक कैसे पहुंचे?
अगर आप भी परी ताल घूमने का प्लान बना रहे हो और आपको परी ताल जाने का रास्ता मालूम नहीं है तो हम आपको परी ताल जाने का पूरा रास्ता बिस्तार मे बताने वाले है , जानिए पूरी जानकारी आगे –
रेल मार्ग:
- निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (Kathgodam) है, जो नैनीताल से लगभग 35 किमी दूर स्थित है।
- काठगोदाम से चाफी गांव तक टैक्सी या स्थानीय बसों से जाया जा सकता है।
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट है, जो परी ताल से करीब 85 किमी की दूरी पर है।
- पंतनगर से नैनीताल और फिर चाफी गांव तक पहुंचने के लिए टैक्सी उपलब्ध होती हैं।
सड़क मार्ग:
- दिल्ली से नैनीताल की दूरी 320 किमी है, जिसे आप कार या बस से लगभग 7-8 घंटे में तय कर सकते हैं।
- नैनीताल से चाफी गांव के लिए टैक्सी और स्थानीय बसें मिलती हैं।
- चाफी से परी ताल तक लगभग 3 किमी का ट्रैकिंग मार्ग तय करना पड़ता है।
Pari Tal Trek Guide / परी ताल ट्रैकिंग गाइड
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो परी ताल का ट्रैक आपको रोमांच से भर देगा। यह रास्ता घने जंगलों और ऊँचे पहाड़ों से होकर गुजरता है, जो इसे और भी रोमांचक बनाता है।
परी ताल ट्रैकिंग की मुख्य विशेषताएं:
- ट्रैक की लंबाई: लगभग 3 किमी (चाफी गांव से)
- समुद्र तल से ऊँचाई: लगभग 2,300 मीटर
- कठिनाई स्तर: मध्यम
- समय: लगभग 1.5 से 2 घंटे
- बेस्ट सीजन: मार्च से जून और सितंबर से नवंबर
- क्या साथ रखें? गर्म कपड़े, ट्रैकिंग शूज, पानी, स्नैक्स और कैमरा
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Mystery of Pari Tal, Nainital / परी ताल का रहस्य
परी ताल के बारे में कई रहस्यमयी कथाएं और दंतकथाएं प्रचलित हैं, जो इसे अन्य झीलों से अलग बनाती हैं।
पूर्णिमा की रात परियां नहाने आती हैं-
- स्थानीय लोगों की मान्यता है कि पूर्णिमा की रात इस झील में परियां स्नान करने आती हैं।
- झील के चारों ओर एक अद्भुत और रहस्यमयी ऊर्जा का अहसास होता है, जिससे यह स्थान और भी दिलचस्प हो जाता है।
- कुछ पर्यटकों का दावा है कि उन्होंने रात के समय झील के आसपास अजीबोगरीब रोशनी और आकृतियों को देखा है।
झील की गहराई का अब तक नहीं चल पता : परी ताल की सटीक गहराई का आज तक पता नहीं चल सका है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस झील की गहराई इतनी ज्यादा हो सकती है कि अब तक इसका सटीक माप नहीं लिया जा सका है।
शिलाजीत युक्त चट्टानें : झील के पास कुछ काली चट्टानें पाई जाती हैं, जिन्हें शिलाजीत युक्त माना जाता है। शिलाजीत को आयुर्वेद में एंटी-एजिंग और ताकत बढ़ाने वाला तत्व माना जाता है।
Beauty of Pari Tal, Uttarakhand / परी ताल की खूबसूरती और प्राकृतिक नज़ारे

परी ताल केवल रहस्य और मान्यताओं के कारण ही नहीं, बल्कि अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
- झील के किनारे एक सुंदर झरना है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है।
- चारों तरफ घने देवदार, बुरांश और ओक के जंगल परी ताल को एक जादुई एहसास देते हैं।
- झील का पानी बेहद निर्मल और शांत है, जिसमें पहाड़ों की छवि साफ नजर आती है।
- यहां का मौसम सालभर सुहावना रहता है, लेकिन सर्दियों में बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो सकते हैं।
क्या परी ताल की यात्रा सुरक्षित है?
परी ताल की यात्रा काफी हद तक सुरक्षित है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:-
- ट्रैकिंग हमेशा समूह में करें।
- जंगल के अंदर रात में रुकने से बचें।
- स्थानीय गाइड की मदद लें, ताकि रास्ता न भटके।
- बारिश के मौसम में फिसलन वाली पगडंडियों पर सतर्क रहें।
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परी ताल यात्रा कब जाए
- गर्मियों में: मार्च से जून
- शरद ऋतु में: सितंबर से नवंबर
- सर्दियों में बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो सकते हैं।
निष्कर्ष :
अगर आप उत्तराखंड के अनछुए और रहस्यमयी स्थलों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो परी ताल एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, रोमांचक ट्रैकिंग, रहस्यमयी कहानियां और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे बेहद खास बनाती है। तो अगली बार जब भी नैनीताल जाएं, परी ताल को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें| एसी ही ओर जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें |
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